शराब
धन्यवाद उमाशंकर जी, आपने अच्छी याद दिलाई। मैं तो इन दिनों कंही खो ही गया था। सुना आप भी पाकिस्तान कि सैर कर आये हैं। उम्मीद है कुछ नए अनुभव आपके ब्लोग पर देखने को मिलेंगे।
लिखना जिन्हे आता नही
उनसे भी तुमने लिखवाई है
खुदा ने शराब ऐसी चीज ही बनाईं है ।
अब ना गम ना तन्हाई है
कैसी रुमानियत सी छाई है
खुदा ने शराब ऐसी चीज ही बनाईं है ।
दिल मे छुपा के बैठे थे
जुबान पे अब बात आयी है
खुदा ने शराब ऐसी चीज ही बनाईं है ।
सब छूटने को है अब
जाने कि बारी आयी है
खुदा ने शराब ऐसी चीज ही बनाईं है ।
2 comments:
लिखना जिन्हे आता नही
उनसे भी तुमने लिखवाई है
खुदा ने शराब ऐसी चीज ही बनाईं है ।
achha likha......par likhne ka nasha sharab se kam nahi hai.
wah wah
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